Rimjhim Gire Sawan
Rimjhim Gire Sawan | रिमझीम गिरे सावन | Music Teacher | Papon | Shreya Ghoshal | Rochak
Song: Rimjhim Gire Sawan
Film: Music Teacher
Singers: Papon, Shreya Ghoshal
Music Composer: Rochak Kohli
Music Produced by Bharat Goel
Associate Programming by Firoz Khan, Vinay Sharma
Guitars by Mohit Dogra
Flute by Tejas Vinchurkar
Mixed & Mastered by Bharat Goel at Global Sound Labs B
Banner: Yoodlee Films
Original Credits:
Film: Manzil
Singers: Kishore Kumar, Lata Mangeshkar
Music Director: R. D. Burman
Lyricist: Yogesh
रिमझीम गिरे सावन
Lyrics :-
“Rimjhim Gire Sawan”
क्रेडिट्स :-यश तळेले
रिमझिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाये मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन सुलग सुलग जाये मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन…
जब घूंगरूओं सी बजती हैं बूंदे
अरमा हमारे पलकें ना मूंदे
कैसे देखे सपने नयन, सुलग सुलग जाये मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन…
महफ़िल में कैसे कह दे किसी से
दिल बंध रहा हैं, किसी अजनबीसेे
महफ़िल में कैसे कह दे किसी से
दिल बंध रहा हैं, किसी अजनबी से
हाय करे अब क्या जतन, सुलग सुलग जाये मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन सुलग सुलग जाये मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
Source: Musixmatch
Songwriters: Yogesh / BURMAN R. D.
Rimjhim Gire Sawan lyrics © UNIVERSAL POLYGRAM INTERNATIONAL PUBLISHING INC
Music in this video
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Song
Rimjhim Gire Saawan
Artist
Papon, Shreya Ghoshal
Album
Rimjhim Gire Saawan – Music Teacher
Licensed to YouTube by
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गाना / Title: रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाये मन both versions – rim-jhim gire saavan, sulag sulag jaaye man ## both versions##
चित्रपट / Film: मंज़िल-(Manzil)
संगीतकार / Music Director: राहुलदेव बर्मन-(R D Burman)
गीतकार / Lyricist: Yogesh
गायक / Singer(s): लता मंगेशकर-(Lata Mangeshkar), किशोर कुमार-(Kishore Kumar)
(Lata Mangeshkar)
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन …
पहले भी यूँ तो बरसे थे बादल,
पहले भी यूँ तो भीगा था आंचल
अब के बरस क्यूँ सजन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन …
इस बार सावन दहका हुआ है,
इस बार मौसम बहका हुआ है
जाने पीके चली क्या पवन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन …
(Kishore)
रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन …
जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे,
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन …
महफ़िल में कैसे कह दें किसी से,
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
हाय करे अब क्या जतन, सुलग सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन
रिम-झिम गिरे सावन …
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